Sunday, September 20, 2015

देशमें ६० साल के इंतज़ार के बाद जनताके संबिधान

आज हमार देश ने ६० साल के इंतज़ार के बाद जनताके संबिधान हासिल किया हे । कुछ मदेशीदल इस संबिधान सभा से बाहर हे । ६०१ सभासद में से ६० मदेशबादी सभासद ने अपना माग पूरा नाहोते देखकर संबिधान सभा बाहर हुए थे । देशके कयौं क्षेत्रमे लोगों ने नयी संबिधानको स्वागत कर रहें हे । पर कुछ तराई - मदेशका जिल्ला भने अब तक अशांत हे ।

राष्ट्रपति रामवरण यादव जी ने संबिधान में हस्ताक्षर करते हुए ए कहा हे की अब नयी संबिधान से देशमे सुशाशन और समृद्दि छाएगा । तीन ठुला राजनीतिक दल ने अभीभी अशंतुस्ट पक्षको बार्ता में आनेको अनुरोध कर रहे हे ।

एमाले अध्यक्ष ओलिने कहा की ए संबिधान मदेश विरोधी नहीं हे ए मदेशके हितकर हे और उनोने कहा की इस संबिधान ने मधेसी और थारु समुदायको अधिक पहिचान दिया हे ।

सभी राजनितिक दलके शीर्ष नेतृत्व ने कहाकि देश समृद्द होता हे जब हर एक जनता ने अपना अधिकार पाएगा , और उनोने ए भी कहा की इस संबिधान ने हर नेपाली, चाहे वो मधेसी हो या पहाड़ी या हिमाली हर एक को समान अधिकार दिया हे । अन्तमा उनोने हर नेपाली को अपने आप में सद्भाव बनाए रखनेके लिए अनुरोध किया हे ।
Nepali Map

हमार देश बहुभाषिक, बहुसांस्कृतिक धर्म माननेवाला देश है । इसलिए ए संसार के सबसे सुन्दर देश है । हम तराई मदेश से है तो, यहाँ कयौ मेरा साथी है जो हिमाल और पहाड़ से बिलोंग करते है । कयौं पहाड़ी मुलके व्यक्ति भी तराई में बसोबास करते हैं और कही मधेसी भाई लोग है जो पहाड़ी सहरो में काम करते है । इस देश अभीतक कभी जातिय दंगा  नयी हुवा है जहा सीता का और  बुद्ध का जन्म हुवा था और यही है विस्व का सर्बोच्च सिखर सगरमाथा (Mount Everest ).

२०० से ज्यादा साल से यहाँ राजतन्त्र था अब गणतंत्र स्थापित हुआ है । ए गणतंत्र बिलकुल ही हमार देशके लिए नयी है क्यूँ की यहाँ १०० साल राणा और २०० साल राजाने शाशन किया था । इसलिए हमें ए नयी कोसिसोमे सबर रखना होगा और अपना सद्भाव कायम रखना होगा क्यों की सदियों से ए देशमे मदेशी और पहाड़ी मिलकर रह रहे थे ।

तराई पहाड़ हिमाल, हमार नेपाल । 

No comments:

Post a Comment

आपका प्रतिक्रिया इस आर्टिकल के ऊपर

Ads Inside Post